शासनादेशों को ताख पर रख मलाई में उलझे सीएमओ
_03 वर्षो के बजाय 09 वर्षों से एक ही स्थान पर जमें अली हसन चीफ फार्मासिस्ट_
_अंबरीश श्रीवास्तव , अरुण शाही , दिलीप मिश्रा , लारी जैसे बाबू नियम विरुद्ध सीएमओ कार्यालय से हैं संबद्ध_
_डाक्टरों व बाबुओं की तैनाती में चल रहा खेल_
बस्ती संवाददाता - जनपद का स्वास्थ्य महकमा आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है यहाँ नियम कानून ताक पर रख मनमानी तरीके से पटलों का आवंटन किया गया है ।
चाहे डाक्टरो की तैनाती हो या फिर बाबुओं के बीच का पटल बँटवारा हो हर जगह भ्रष्टाचार स्पष्ट दिखाई दे रहा है । सूत्रों की बातो पर यदि गौर करें तो ब्लाक स्तर पर कई ऐसे एमओआईसी हैं जो अपनी मजबूत पकड़ के चलते निर्धारित समयसीमा को लाँघ चुके है फिर भी सीएमओ की मिलीभगत से अंगद की तरह वहीं पॉव जमाए हुए हैं । इसी प्रकार बाबुओं के बीच पटल बॅटवारा में भी खूब घालमेल है , मजबूत पकड़ वाले बाबू दूसरी जगह तैनाती के बाद भी संबद्धता के सहारे रसास्वादन कर रहे हैं और जिम्मेदार अपने हिस्से की मलाई लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
इसी प्रकार तमाम चिकित्सक निर्धारित समय सीमा कई वर्ष पहले ही लॉघ चुके हैं परन्तु निजी क्लीनिक होने के कारण व विभाग में मजबूत पैठ के चलते स्थानान्तरण के दायरे से बाहर हैं।
शासनादेशों की यदि बात करें तो कोई भी कर्मचारी अधिकतम तीन वर्ष ही एक स्थान पर तैनात रह सकता परन्तु शासनादेशों के विपरीत तैनाती देकर स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ लगातार रसास्वादन में मस्त हैं।
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