बस्ती जिले में ग्राम प्रधान और सचिव ने 10 वर्ष पूर्व हुए कार्य का फर्जी लिया दो बार भुगतान
बस्ती - जिले में ग्राम पंचायत कुड़ही में होने वाले कार्यों में भ्रष्टाचार का मामला तो खूब सुना और देखा होगा लेकिन जनपद के रुधौली विकासखंड के ग्राम पंचायत कुड़ही में नकली प्रधान और सचिव ने सरकारी धन का गबन करने के मामले में भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बना दिया है। इतना ही नही जिस नकली प्रधान ने ग्राम पंचायत के धन को हड़पने के लिए खाका तैयार किया उसे ग्राम प्रधान राधिका चतुर्वेदी को जेल जाने तक का भी डर नही लगा।
मीडिया टीम द्वारा ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की समीक्षा करने के दौरान पता चला कि ग्राम पंचायत में राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त के खाते से कई सारी योजनाओं पर पैसा खर्च किया गया लेकिन धरातल पर काम के नाम पर भ्रष्टाचार की बू आ रही है। ग्राम पंचायत में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार खड़ंजा मरम्मत के नाम पर हुआ जिसपर बिना कार्य कराये एक ही कार्य पर दो बार भुगतान कर लिया गया। मुन्नू के घर से बेलवा पुलिया तक खड़ंजा मरम्मत के नाम पर 22 जनवरी 2020 को 66512 रुपये का भुगतान किया उसके बाद 7 मार्च 2020 को अलग-अलग खाते में करीब 40 हजार रूपए का भुगतान मजदूरी के नाम पर किया गया । इसी काम पर 20 मार्च 2024 को 97796 रुपये का भुगतान लिया गया दुबारा 9 मई 2024 को 21726 रुपये का भुगतान कर लिया गया। ग्रामीणों से पूछने पर बताया गया कि करीब 10 वर्ष पूर्व खड़ंजा निर्माण का कार्य हुआ था उसके बाद इसपर कभी किसी प्रकार का कोई कार्य नही हुआ है। सड़क जिसपर मरम्मत दिखा कर भुगतान हुआ। ग्राम पंचायत के धन को हड़पने के लिए नकली प्रधान और सचिव ने इस कदर ब्लू प्रिंट तैयार किया कि कारनामे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे , प्रधान और सचिव ने मिलकर ग्राम पंचायत में हैंडपम्प मरम्मत और रिबोर के नाम पर 17 फरवरी 2022 से लेकर 9 मई 2024 तक 6,48,117 रुपये का भुगतान कर लिया । इतने बड़े पैमाने पर हैंडपम्प रिबोर और मरम्मत का कार्य दिखा कर पैसे का भुगतान होना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है , आखिर कैसे वर्ष दर वर्ष पूरे गांव का हैंडपम्प खराब हो गया उसके बाद मरम्मत और रिबोर के नाम पर करीब डेढ़ दर्जन नए हैंडपम्प लगने भर का पैसा खर्च हो गया यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
बर्षों से उगी झाड़ियां ,इसी पर लिया गया भुगतान।इतना ही नही ग्राम पंचायत के धन में सेंधमारी करने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा सफाई कर्मी किट की खरीदारी दिखाया गया जिसपर 21 अक्टूबर 2023 को 24080 रुपया 2 फरवरी 2024 को 24500रुपया एवं 6 जनवरी 2024 को डस्टबिन के नाम पर 66640 रुपया उसके पहले 93100 रुपये का भुगतान लिया गया जबकि इन सामानों के मौजूदगी का कोई प्रमाण नही मिला । ऐसे में स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत के नकली प्रधान और सचिव द्वारा ग्राम पंचायत के खाते से सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार का साम्राज्य खड़ा किया गया।
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