Type Here to Get Search Results !

संतकबीर नगर जिले में हीटवेव/लू से बचाव हेतु जनपदवासियों से किया अपील - डीएम महेंद्र सिंह तंवर

 संतकबीर नगर जिले में हीटवेव/लू से बचाव हेतु जनपदवासियों से किया अपील - डीएम महेंद्र सिंह तंवर 

संतकबीर नगर - जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने हीटवेव/लू से बचाव हेतु जनपदवासियों से अपील किया है कि वर्तमान समय में जनपद संतकबीर नगर में पारा 43 डिग्री सेल्यिस से अधिक होने के कारण भीषण गर्मी, गर्म हवा व लू का प्रकोप जारी है। हीटवेव (लू) से बचाव हेतु संबंधित विभागों को जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में ही आदेश निर्गत किये जा चुके हैं। हीटवेव जैसी आपदा से बचाव के लिये जागरूकता एवं सावधानी ही प्रभावशाली उपाय है।





 इस भीषण गर्मी, गर्म हवा व लू से बचने के लिए खिडकी कोरिफ्लेक्टर जैसे एलुमिनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिडकियों व दरवाजों पर जिन से दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैं. काले परदे लगाकर रखना चाहिए। स्थ्थानीय मौसम के पूर्वानुमानको सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सजग रहें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को कभी भी बन्द वाहन में अकेला न छोडे। जहां तक सम्भव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के ताप से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव ही घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें और बासी खाने का प्रयोग कदापि न करे और मादक पेय पदार्थों का सेवन न करें। घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें। घर में पेय पदार्थ जैसे लस्सी, छांछ, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल, नीबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दिवसों में भी अधिक तापमान रहने की संभावना है। ऐसे में लोगों को हीटवेब से बचाव के लिए आवश्यक तैयारियां कर लेनी चाहिए। हीटवेब से बचाव को लेकर जनसामान्य के बीच जागरूता अभियान स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन विभाग, राजस्व विभाग एवं अन्य सम्बन्धित विभागों द्वारा लगातार चलाया जा रहा है। अभी आगामी समय में गर्मी का प्रकोप और अधिक बढ़ेगा इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपना चाहिए। गर्मी में शरीर के द्रव्य बॉडी फ्ल्यूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों कोलू से विशेष बचाव करने की जरूरत है। इसके अलावा डॉययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सावधान रहें। उन्होंने बताया कि लू के लक्षण गर्म, लाल, शुष्कत्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उल्टे श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना, मूत्र का न होना अथवा इसमें कमी आदि मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर के उच्च तापमान से आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है। जनपद में हीटवेव (लू) के प्रति जोखिम (कमजोर वर्ग एवं क्षेत्र की पहचान), 05 वर्ष से कम आयु के बच्चे व 65 वर्ष से ज्यादा के व्यक्ति। गर्भवती महिलायें। ऐसे व्यक्ति जो कि सैन्य, कृषि, निर्माण और औद्योगिक व्यवसाय में श्रमिक, मजदूर, खिलाड़ी आदि हों। शारीरिक तौर पर कमजोर व्यक्ति एवं मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति। तवचा संबन्धित रोग जैसेः सोराय सिस, पायोडर्मा आदि से प्रभावित व्यक्ति। पर्यावरण बदलने के कारण गर्मी की अनुकूलनता का अभाव।उन्होंने बताया कि नींद के अभाव आपदा संबंधी सहायता के लिए निम्न नम्बरो पर सम्पर्क कर सकते है। एम्बुलेंस 108, पुलिस-112, राहत आयुक्त कार्यालय 1070 टोल फी जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर संत कबीर नगर कंट्रोल रूम-05547-206505 गर्म हवाएं / लू की स्थिति में "क्या करें और क्या न करें" सभी के लिए- रेडिया' सुनें, टीवी देखें, स्थानीय मौसम समाचार के लिए समाचार पत्र पढ़ें। पर्याप्त पानी पियें-भले ही प्यास न लगे। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआर.एस. (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि जैसे घरेलू पेय का इस्तेमाल करें। हल्कैयजन व रंग के, ढीले-सूती कपड़े पहनें। अपना सिर ढकने के लिये कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करें। हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं। अनावश्यक घर से बाहर प्रात 11.00 से सांयकाल-4.00 बजे तक न निकले. बहुत ही आवश्यक होने पर चेहरे व सिर को ढक कर ही निकले।

नियोक्ता और श्रमिक कार्यस्थल के पास ठंडा पेयजल उपलब्ध कराएं। कार्यकर्ताओं को सीधे धूप से बचने को कहें। अति पारिश्रमिक वाले कार्यों को दिन के ठंडे समय मे निर्धारित करें। बाहरी गतिविधियों के लिए ब्रेक की आवृत्ति में वृद्धि करें। गर्भवती श्रमिकों और श्रमिकों जिन्हें चिकित्सा देख-भाल की अचानक जरुरत हो सकती हो उनका अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।

वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों के लिये तेजगर्मी, खास तौर से जब वे अकेले हों. तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें। ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो। यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें। उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें। उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें। शिशुओं के लिये उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। यदि बच्चों के पेशाब का रंग गहरा है तो इसका मतलब है कि वह डिहाईड्रेशन (पानी की कमी) का शिकार हैं। बच्चों को बिना देख-रेख खड़ी गाडी में छोड़ कर न जाएं, वाहन जल्दी गर्म होकर खतरनाक तापमान पैदा कर सकते हैं। पशुओं के लिए यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा गया हो वहां दिनभर छाया रहे अथवा समय-समय पर छांव के अनुसार उनका स्थान बदलते रहें। जहां तक संभव हो, तेज गर्मी के दौरान उन्हें घर के भीतर रखें। जानवरों को किसी बंद स्थान में न रखे, क्योंकि गर्म मौसम में इन्हें जल्दी गर्मी लगने लगती है। ध्यान रखें कि आपके जानवर पूरी तरह साफ हों. उन्हें ताजा पीने का पानी दें, पानी को धूप में न रखें। दिन के समय उनके पानी में बर्फ के टुकडे डालें। पीने के पानी के दो बर्तन रखें ताकि एक में पानी खत्म होने पर दूसरे से वे पानी पी सकें। अपने पालतू जानवर का खाना धूप में न रखें, किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोडे जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें। अन्य सावधानियाँ जितना हो सके घर के अंदर रहें। अपने घर को ठंडा रखें। पर्दे, शटर या धूप का उपयोग करें और खिड़‌कियां खुली रखें। निचली मंजिलों पर रहने का प्रयास करें। पंखे का प्रयोग करें, कपडों को नम करें और ठंडे पानी में स्नान करें। यदि आप बेहोश या कमजोरी महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए।

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

विज्ञापन के लिए संपर्क करें - 9795273885