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बस्ती जिले में वन विभाग ही बना हरे पेड़ों का दुश्मन, वन माफिया खत्म कर रहे धरा से हरियाली

 बस्ती जिले में वन विभाग ही बना हरे पेड़ों का दुश्मन, वन माफिया खत्म कर रहे धरा से हरियाली

 वृक्षारोपण के नाम पर हो रहा वृक्षारोपण घोटाला

 पूरे जनपद में हजारों की संख्या में हरे पेंड़

हरे पेड़ों की कटान बना वृक्षारोपण के लिए चुनौती

     बस्ती संवाददाता - हर साल जनपद स्तर पर आयोजित होने वाला वृक्षारोपण का ढोंग इस साल भी आयोजित होने वाला है । जगह - जगह वृक्षारोपण की फोटो भी खिंचेगी और वन विभाग पूरे वर्ष हरे पेड़ो की अवैध कटान करवाकर मालामाल हो रहा है एवं धरा से हरियाली समाप्त कर धरा को बंजर बनाने पर आमादा है ।




 प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन द्वारा अभियान चलाकर प्रति वर्ष कई लाख की संख्या में वृक्ष रोपित किए जाते हैं जिनके देखभाल की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है । बढ़ते हुए प्रदूषण एवं शुद्ध हवा के परिप्रेक्ष्य में वृक्षारोपण की महत्ता और बढ़ जाती है । वृक्षों के बिना जीवन की परिकल्पना संभव नही है फिर भी वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग नही दिख रहा है और संपूर्ण जनपद में प्रतिदिन कई हजार की संख्या में हरे वृक्ष काटे जा रहे हैं । वृक्षों की अवैध कटान से वन विभाग मालामाल हो रहा है । संपूर्ण जनपद में कुछ नामी गिरामी लोगों को ही आरा मशीन के लाइसेंस जारी हैं परन्तु क्षेत्र में अवैध आरा मशीनों की बाढ़ सी आयी हुई है । यही आरा मशीने हरियाली की दुश्मन बनी हुई हैं और वन विभाग अपने हिस्से का कमीशन लेकर कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है । अकेले कप्तानगंज रेंज में लगभग डेढ़ दर्जन अवैध आरा मशीने संचालित हैं जिनके माध्यम से जिम्मेदार अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं । नियमों की यदि बात की जाए तो हरे पेड़ों के कटान की परमिट नही जारी होनी चाहिए परन्तु प्रतिदिन हजारों हरे पेंड़ कैसे काटे जा रहे हैं इसका उत्तर वन विभाग कै लिए चुनौती बना हुआ है ।

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