बस्ती जिले में भीषण गर्मी के बाद जनपद में अच्छी बारिश हो रही है साथ ही धान की रोपाई का समय भी चल रहा है
बस्ती - किसान भाइयों भीषण गर्मी के बाद जनपद में अच्छी बारिश हो रही है साथ ही धान की रोपाई का समय भी चल रहा है, इसी क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती के वैज्ञानिक हरिओम मिश्र से ने बताया कि आमतौर पर 20-25 दिनों में धान के पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाते है। रोपाई से पहले नर्सरी में एक दिन पहले सिंचाई कर देना चाहिए इससे पौधों को निकालने में आसानी होती है।
नर्सरी से पौधे निकालने के बाद यदि जड़ों में मिट्टी है तो उन्हें पानी में डूबोकर अच्छी तरह धो लें। इसके बाद कार्बेन्डाजिम 75% डब्ल्यू.पी. की 2 ग्राम मात्रा तथा स्ट्रेप्टोसाइक्लिन की 0.5 ग्राम मात्रा लेकर एक लीटर पानी में घोल बना लें। इसके बाद इस घोल में पौधों की जड़ों को 20 मिनट तक भिगोकर रखें। अब उपचारित पौधों की खेत में रोपाई करें। बता दें कि अच्छी बारिश आने के बाद जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह के बीच पौधों की रोपाई कर देना चाहिए। सामान्य तौर धान की रोपाई के लिए कतार से कतार की दूरी 20 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। वहीं एक जगह पर 2-3 पौधे ही लगाना चाहिए। धान की फसल में खरपतवार एक प्रमुख समस्या है, जो कि उत्पादन पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिसके प्रबंधन हेतु किसान भाई रोपाई के 3 दिन के भीतर खरपतवारनाशी पाइराजो 1 सुल्फ्यूरॉन-एथाइल 10% की 80 ग्राम मात्रा 150 लीटर पानी में मिलकर या प्रेटिलाक्लोर 50% ई०.सी० की 500 मिली मात्रा को बालू या पानी में मिलकर प्रतिएकड़ की दर से छिडकाव करें। जब धान की फसल 15 से 20 दिन की हो जाए तो बिस्पायरीबेक सोडियम 10 एस०एल० की 100 मिली मात्र का प्रति एकड़ की दर से अथवा ट्राईफेमोन 20% एवं एथोक्सीसल्फ्यूरॉन 10% डब्ल्यू० जी० के मिश्रण का 12 से 15 दिन की फसल पर छिडकाव करें। अधिक जानकारी के कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती से संपर्क करें।


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