बस्ती जिले में एक दिवस का शिक्षक दिवस वर्ष पर्यन्त उत्पीड़न , ऐसी विषम परिस्थितयों में शिक्षक दिवस मनाए जाने का थोथा औचित्य
बस्ती रिपोर्टर - शिक्षक दिवस मनाए जाने का सम्बन्ध डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 05 सितम्बर 1888 से जुड़ा हुआ है । मद्रास प्रेसीडेंसी में जन्में राधाकृष्णन महान दार्शनिक , समाज सुधारक एवं कुशल शिक्षक थे । वैसे दृश्य , अदृष्य सभी जगह शिक्षक विद्यमान है , शिक्षकों ( गुरुओं ) की महिमा / महत्ता को शब्दों में पिरोया जाना सम्भव नहीं है फिर भी देश में वर्ष में एक दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है बाकी वर्ष पर्यन्त शिक्षकों के हिस्से में उत्पीड़न ही आता है ।
आज पूरे जनपद में शिक्षक दिवस की धूम मची है । शिक्षा विभाग के वे भी अधिकारी शिक्षक दिवस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहें है जो वर्ष पर्यन्त शिक्षकों का उत्पीड़न करते रहते हैं और शिक्षकों के उत्पीड़न से ही उनके अनमोल जिंदगी की गाड़ी खिसक रही है । शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को यह भी सोचना होगा एवं लड़ाई लड़ने के लिए तैयार होना होगा कि शिक्षकों का ज्यादा शोषण उनका उनके सजातीय ही सबसे ज्यादा कर रहे है । सजातीय का आशय यहाँ किसी जाति वर्ग से न होकर बल्कि शिक्षक जाति एवं विभाग के लोगों के जोड़ से है । शिक्षक दिवस पर यह विचार करना समयानुकूल हो जाता है कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों अधिकारियों का जो कैडर बना हुआ है उनके वेतनमान में बहुत ज्यादा अन्तर नहीं है फिर भी पूरे सेवाकाल के दरम्यान अधिकारियों की निगाह में बेइमान दिखने वाला शिक्षक गरीब ही रहता है और अधिकारी कैसे करोड़पति हो जाते हैं । वेतनमान में मामूली अन्तर से अधिकारियों के करोड़पति बनने के सिद्धान्त के खुलासे की लड़ाई प्रत्येक शिक्षक को लड़ना होगा तभी शिक्षकों के उत्पीड़न पर लगाम लग सकती है ।
एक आंकड़े के मुताबिक हाईकोर्ट इलाहाबाद व लखनऊ खण्डपीठ में बेसिक शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा को मिलाकर 41,198 मामले लंबित हैं जो विभागीय अधिकारियों की कुशलता की पोल खोल रहे है और चिल्ला - चिल्ला कर कह रहे हैं कि हे विभाग के अधिकारी आप लोभ , लालच , मोह , माया एवं कुंठी मांनसिकता में पड़े रहे और हमें समय से हल नहीं कर पायी तभी हम माननीय न्यायालय की शरण में आए हैं । मुकदमें के मकड़जाल में विभाग को उलझाने का श्रेय विभाग के महाज्ञानी अधिकारियों को ही है जिसके चलते विभाग की आर्थिक रूप से कमर टूट गयी है और जिम्मेदार मालामाल हैं ।


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