बस्ती जनपद में परिषदीय विद्यालयों तक नहीं पहुँच पायी जल जीवन मिशन की किरण , 80% विद्यालयों में उपलब्ध नहीं स्वच्छ पेयजल
- टी0डी0एस0 मानको पर नहीं खरा उतर पायेंगे जनपद के ज्यादातर विद्यालयों के हैण्डपम्प
- विभाग के पास भी नहीं है कोई ठोस कार्ययोजना , आंकड़ेबाजी तक सिमटी विभागीय कार्यवाही
- ग्राम पंचायतों में निर्मित पानी की टंकियाँ भी हुई फुस्स, कहीं जला मोटर तो कहीं फटा पाइप
- विभाग के सारे जिम्मेदार पी रहे आर0 ओ0 का शुद्ध पानी , नौनिहालो को छोड़ा भगवान भरोसे
बस्ती - सरकार के जल जीवन मिशन की किरण अभी जनपद के परिषदीय विद्यालयों तक नहीं पहुँच पायी है जिसका नतीजा है कि परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत नौनिहालों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है । बेसिक शिक्षा परिषद के पास भी इस सम्बन्ध में अभी कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है जिससे एक निर्धारित समय बाद स्वच्छ पेयजल की उम्मीद जग सके ।
प्राप्त समाचार के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुदूर गांवों में स्थित हैं जिसमें समाज के अधिकांशतः अपवंचित वर्ग के बच्चे अध्ययन करते हैं । पेयजल व्यवस्था के नाम पर अधिकांशतः विद्यालयों में इण्डिया मार्का हैंडपंप व समर सबल पंप तो लगे हैं परन्तु टीडीएस मानकों पर जनपद के 80% से ऊपर के विद्यालयों में स्थापित इण्डिया मार्का हैण्डपम्प खरा नहीं उतर पायेंगे । यद्यपि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की मंशा से कुछ गिने- चुने ग्राम पंचायतों में पानी की टंकियाँ भी स्थापित की गयी हैं परन्तु उनमें से अधिकांश के या तो मोटर जले हुए हैं या फिर पाइप फटे हुए हैं जिसके कारण उनकी भी पानी की सप्लाई बाधित है । उपयोग विहीन ग्राम पंचायतों में स्थापित पानी की टंकियों की स्थापना को एक सुनियोजित महाघोटाला कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा । बेसिक शिक्षा परिषद के पास बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु अपनी कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है अलबत्ता विभाग पंचायत / विकास विभाग का मुँह निहार कागजी घोड़ा दौड़ाने में मस्त है।


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