बस्ती में अपने ही सम्बन्धियों को एजेण्ट बनाकर खेल रहे कमीशन का खेल डाक कर्मचारी व अधिकारी
डाक कर्मचारी अशोक अग्रहरि ने अपने लड़के को तो विनय सिंह ने अपनी लड़की को बनवाया एजेण्ट
- कमीशनबाजी के चक्कर में बदल दिए जा रहे एजेण्टों के फार्म
बस्ती - जनपद में नियमों के विपरीत अपने ही सगे सम्बन्धियों को एजेण्ट बनाकर डाक कर्मचारी कमीशनबाजी में मस्त हैं और जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं । कमीशन के चक्कर में एजेण्टों के फार्म तक बदल दिए जा रहे हैं जिसकी शिकायत डाक अधीक्षक तक पहुँच गयी है परन्तु अधीक्षक के उदासीन रवैये से प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पा रही है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डाकघरों में चल रही योजनाओं को जनता को सुलभता से उपलब्ध कराने हेतु एजेण्टो की नियुक्तियाँ की गयी हैं । योजनाओं की उपलब्धता के बावत एजेण्टों को बदले में कमीशन प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी है परन्तु जनपद में एजेण्ट कमीशन में भी घपले का मामला प्रकाश में आया है जिसके तहत डाक कर्मचारी अपने ही सगे सम्बन्धियों को एजेण्ट नियुक्त करा लिए है और कमीशन का पैसा उन्ही को प्रदान कर दिया जा रहा है बाकी एजेण्ट बेगाने बने घूम रहे हैं । सूत्रों की माने तो कर्मचारी के ब्लड रिलेशन का कोई भी व्यक्ति एजेण्ट के रूप मे नियुक्त नहीं किया जा सकता परन्तु जनपद में जिम्मेदारों की उदासीनता से डाक कर्मचारी अपने पुत्र/पुत्रियों/ पत्नियों को एजेन्ट बनाकर धड़ल्ले से कमीशन का पैसा निकाल रहे हैं ।


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