बस्ती जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मिलीभगत से सरकारी डाक्टर और प्राइवेट प्रैक्टिस पर नकेल सम्भव नहीं
- डाक्टरों के शपथ पत्र सार्वजनिक न करके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की फिराक में सी0एम0ओ0
बस्ती - सरकारी नौकरी के साथ प्राइवेट प्रैक्टिस जैसी बीमारी डाक्टरों हेतु कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि वर्षों से चली आ रही पुरानी बीमारी है जो स्वास्थ्य विभाग की परिपाटी बन गयी है । इस लाइलाज बीमारी का खामियाजा बेचारे गरीब तबके के लोग झेल रहे हैं क्योंकि अमीर और दौलदमंद लोग तो मोटी रकम अदा करके उन्हीं सरकारी डाक्टरों से उनके निजी अस्पताल जाकर स्वास्थ्य लाभ ले लेते हैं ।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद मुख्यालय व जनपद के अन्य हिस्सों में आयी निजी अस्पतालों की बाढ़ इस बात का संकेत है कि ज्यादातर डाक्टरों के पास अपना निजी अस्पताल है और वे बाखूबी लोगों की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं । शासन द्वारा सरकारी डाक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोक सम्बन्धी फरमान से जिले में हड़कम्प सा मच गया है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सरकारी सेवारत डाक्टरों से इस आशय का शपथ पत्र मांगा गया है कि वे सरकारी सेवा के अतिरिक्त कहीं भी निजी प्रैक्टिस में संलिप्त नहीं हैं । डाक्टरों ने तथ्यों को छिपाकर शपथपत्र सीएमओ आफिस में जमा भी कर दिया है परन्तु शपथपत्रों की जमीनी हकीकत परखने हेतु इंटेलीजेंस एजेन्सियों ने सीएमओ से शपथ पत्र ले लिया है जिससे सरकारी सेवा के साथ निजी प्रैक्टिस में संलिप्त डाक्टरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं ।


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