बस्ती जनपद में सीएमओ की जाँच में खुल गयी पोल , फिर भी कार्यवाही में हो रहा टालमटोल
- महिला चिकित्सक डा० शिबा खान समय से नहीं पहुँचती हैं अस्पताल
- महिला अस्पताल हर्रैया में व्याप्त अनियमितता से जुड़ा मामला
बस्ती - जनपद में चिकित्सकों के सरकारी नौकरी और प्राइवेट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है जिसके फलस्वरूप डाक्टरों की तैनाती के बाद भी हर्रैया महिला अस्पताल सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहा है । अस्पताल में तैनात डा० शिबा खान जैसे कई डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस के चलते अस्पताल समय से नहीं पहुँच रहे हैं जिसके कारण महिला अस्पताल हर्रैया का संचालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टरों की कारगुजारियों से सभी भलीभांति अवगत हैं चाहे वह मरीजों के साथ डाक्टरों द्वारा की जा रहीं लापरवाही हो या फिर डाक्टरों की लेटलतीफी से जुड़ा हो सभी इसके भुक्तभोगी जरूर होंगे । आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो परिणाम चौकाने वाले मिलेंगें क्योंकि सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टरों में से लगभग 90% से ऊपर डाक्टर कहीं न कहीं निजी प्रैक्टिस में संलिप्त हैं जिसके कारण उनके द्वारा सरकारी अस्पतालों में समय दे पाना सम्भव नहीं हो पाता है , जुगाड़ के सहारे नौकरी का संचालन होता रहता है । शासन स्तर से सरकारी अस्पताल के डाक्टरों के निजी / प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक की पहल किया गया था परन्तु मामला ठंडे बस्ते में चला गया है कारण कुछ भी हो सकता है । समय रहते यदि शासन स्तर से धरातल पर प्रकरण में कार्यवाही दिख जाए तो गरीबों का निश्चित रूप से भला होगा परन्तु ऐसा सम्भव दिख नहीं रहा है ।
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