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बस्ती जनपद में ब्लैकमेलिंग के डर से मरीजों को नहीं भर्ती ले रहे अस्पताल , बढ़ती मौतें बनी चिन्ता का विषय

बस्ती जनपद में ब्लैकमेलिंग के डर से मरीजों को नहीं भर्ती ले रहे अस्पताल , बढ़ती मौतें बनी चिन्ता का विषय 


- ब्लैकमेलिंग न रुकी तो भविष्य में स्थिति और भयावह होने के संकेत


           बस्ती संवाददाता - अस्पताल में होने वाली मौतों पर चल रही ब्लैकमेलिंग के डर से निजी व सरकारी अस्पताल प्रशासन क्रिटिकल मरीजों को अपने यहाँ भर्ती नही ले रहे हैं और मरीजों को प्राइमरी ट्रीटमेंट न मिलने से मौतों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है जो भविष्य के भयावह स्थिति का स्पष्ट संकेत है ।







प्राप्त समाचार के अनुसार अस्पतालों में होने वाली मौतों से लगातार ब्लैकमेलिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं जिससे खिन्न अस्पतालों के जिम्मेदार क्रिटिकल मरीजों को अपने यहाँ भर्ती नहीं कर रहे और और अधिकतर मरीजों की मौत प्राइमरी ट्रीटमेंट के अभाव में हो जा रही है । अस्पताल संचालकों के मन में यह खौफ कायदे से बस गया है कि यदि हमारे अस्पताल में किसी मरीज की मौत हो गयी तो परिजन मौत का ठीकरा अस्पताल प्रशासन के सिर फोड़कर ब्लैकमेलिंग करते हुए लाखों की फिरौती माँगेगे । हलाँकि अस्पताल प्रशासन वाले भी एकदम दूध से धुले नहीं हैं , कभी - कभी मौतों का जिम्मेदार सीधा अस्पताल प्रशासन ही होता है । यहाँ आवश्यकता इस बात की है कि अस्पताल में जो मौंते हो रही हैं उसकी जाँच बारीके से बहुस्तरीय होनी चाहिए और कार्यवाही दोषी के ऊपर जरूर हो जिससे मौत की भ्रान्तियों से उत्पन्न वर्तमान समस्याओं का निराकरण प्रभावी तरीके से हो साथ ही साथ अस्पताल प्रशासन व मरीजों के बीच मधुर सम्बन्ध भी बना रहे रहे । प्रकरण की जमीनी हकीकत जानने हेतु जब संवाददाता ने अस्पताल संचालकों से बात किया तो दर्जनों संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वर्तमान में मौत के प्रकरणों में परिजनों द्वारा ब्लैकमेलिंग की घटनाएं हो रही हैं जिसके कारण अस्पताल प्रशासन क्रिटिकल मरीजों को भर्ती नहीं लेते और प्राइमरी ट्रीटमेंट के अभाव में ही तमाम मरीज दम तोड़ दे रहे हैं ।

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