भ्रष्टाचार व नियम विरुद्ध सम्बद्धता के बहाने मालामाल हो रहे सीएमओ
_डाक्टरों व बाबुओं की तैनाती में चल रहा खेल_
_अन्यत्र अस्पतालों में कार्यरत डाक्टर भी जिला अस्पताल के आवास में जमाए हैं अवैध कब्जा अली हुसेन फार्मासिस्ट ने आवास को दिया _
_पूर्व एसीएमओ डा0 फख्रेयार भी नहीं छोड़ रहे जिला अस्पताल का आवास _
बस्ती संवाददाता - जनपद का स्वास्थ्य महकमा आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है यहाँ नियम कानून ताक पर रख मनमानी तरीके से पटलों का आवंटन किया गया है । चाहे डाक्टरो की तैनाती हो या फिर बाबुओं के बीच का पटल बँटवारा हो हर जगह भ्रष्टाचार स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
जैसे _अंबरीश श्रीवास्तव , अरुण शाही , दिलीप मिश्रा , लारी, आनंद श्रीवास्तव एस एलटी जैसे बाबू नियम विरुद्ध सीएमओ कार्यालय से संबद्ध है। सूत्रों की बातो पर यदि गौर करें तो ब्लाक स्तर पर कई ऐसे एमओआईसी हैं डॉ0 भाष्कर यादव, प्रभारी परशुरामपुर, डॉ0 फै़ज़ वारिसी प्रभारी कुदरहा जो 7 साल से एक ही जगह पर अंगद की तरह पैर ज़माये हुए हैं जो अपनी मजबूत पकड़ के चलते निर्धारित समयसीमा को लाँघ चुके है फिर भी सीएमओ की मिलीभगत से अंगद की तरह वहीं पॉव जमाए हुए हैं।
इसी प्रकार बाबुओं के बीच पटल बॅटवारा में भी खूब घालमेल है , मजबूत पकड़ वाले बाबू दूसरी जगह तैनाती के बाद भी संबद्धता के सहारे रसास्वादन कर रहे हैं और जिम्मेदार अपने हिस्से की मलाई लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
इसी प्रकार तमाम चिकित्सक निर्धारित समय सीमा कई वर्ष पहले ही लॉघ चुके हैं परन्तु निजी क्लीनिक होने के कारण व विभाग में मजबूत पैठ के चलते स्थानान्तरण के दायरे से बाहर हैं।
शासनादेशों की यदि बात करें तो कोई भी कर्मचारी अधिकतम तीन वर्ष ही एक स्थान पर तैनात रह सकता परन्तु शासनादेशों के विपरीत तैनाती देकर स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ लगातार रसास्वादन में मस्त हैं।

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