जिला कारागार सिद्धार्थ नगर में धूमधाम से मनाया गया रक्षाबंधन - जेल अधीक्षक सचिन वर्मा
सिद्धार्थनगर - आज पूरे देश में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला कारागार अधीक्षक श्री सचिन वर्मा के नेतृत्व में कारागार परिसर में भी इस पावन पर्व का आयोजन किया गया, जिसने न केवल कैदियों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी बल्कि जेल की चारदीवारी के भीतर एक पारिवारिक और भावुक माहौल भी पैदा कर दिया।
सुबह से ही माहौल में उत्साह सुबह से ही जिला कारागार में चहल-पहल देखने को मिली। जेल प्रशासन ने विशेष रूप से इस अवसर के लिए सभी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली थीं। सुरक्षा के साथ-साथ सजावट पर भी विशेष ध्यान दिया गया था। परिसर में रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजावट की गई थी। मुख्य द्वार से लेकर बैठक कक्ष तक हर जगह त्योहार की रौनक बिखरी हुई थी। भाई-बहन के रिश्ते की अनोखी मिसाल रक्षाबंधन का पर्व सदियों से भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के वचन का प्रतीक रहा है। लेकिन जब यह पर्व जेल की दीवारों के भीतर मनाया जाता है, तो इसका भावनात्मक पहलू और भी गहरा हो जाता है। इस दिन कई बहनें अपने भाइयों से मिलने जेल आईं। जैसे ही उन्होंने कैदियों की कलाई पर राखी बांधी, माहौल भावुक हो उठा। कई कैदी अपनी आंखों में आंसू लेकर बहनों के माथे पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते नज़र आए।
कुछ बहनों ने बताया कि वे लंबे समय से अपने भाइयों से नहीं मिल पाई थीं, और रक्षाबंधन का यह अवसर उनके लिए बेहद खास था। एक बहन ने भावुक होकर कहा, भले ही मेरे भाई जेल में हैं, लेकिन उनके लिए मेरा स्नेह और आशीर्वाद हमेशा साथ है। राखी बांधने का यह क्षण मेरे जीवन का सबसे कीमती पल है। वहीं, कई कैदियों ने भी कहा कि यह पर्व उन्हें परिवार की याद दिला देता है और उनके भीतर घर लौटकर एक नई शुरुआत करने का संकल्प जगाता है। एक कैदी ने कहा, “जब बहन राखी बांधती है, तो लगता है जैसे हम घर में हैं, और यह हमें सही राह पर लौटने की प्रेरणा देता है।” जेल अधीक्षक सचिन वर्मा ने बताया कि प्रशासन हर साल इस पर्व को विशेष रूप से मनाने की तैयारी करता है। इसके लिए सुरक्षा इंतज़ाम और बैठक कक्ष की सजावट के साथ-साथ कैदियों और उनके परिजनों की मुलाकात का समय भी बढ़ाया जाता है, ताकि वे बिना जल्दबाजी के अपने भावनात्मक पल जी सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अवसर कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और सकारात्मक सोच के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। कार्यक्रम में जेल कर्मियों के साथ-साथ कैदियों के परिजन भी मौजूद थे। राखी बांधने के बाद सभी के लिए विशेष मिठाइयों और भोजन की व्यवस्था की गई। कैदियों को इस दिन विशेष मेन्यू परोसा गया, जिसमें पूड़ी, सब्जी, मिठाई और फलों का वितरण किया गया। यह छोटी-सी पहल कैदियों के लिए एक बड़ी खुशी का कारण बनी।पर्व के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया। जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर आने-जाने वालों की जांच की गई और मुलाकात के दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे। इसके बावजूद प्रशासन ने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि माहौल सहज और आनंदमय बना रहे।जिला कारागार में मनाया गया रक्षाबंधन इस बात का प्रमाण है कि प्रेम, स्नेह और रिश्तों की ताकत किसी भी परिस्थिति में टूट नहीं सकती। भले ही इंसान चारदीवारी के भीतर हो, लेकिन भावनाएं और रिश्ते उसकी आत्मा को छूते हैं और उसे बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं। यह पर्व कैदियों के लिए भी एक नई शुरुआत और सकारात्मक बदलाव की राह दिखाता है।आज का यह आयोजन न केवल कैदियों और उनके परिजनों के लिए यादगार रहा, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया। रक्षाबंधन का यह पर्व हमें यह सिखाता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, स्नेह, प्रेम और विश्वास के धागे हर बंधन को पार कर सकते हैं। इस अवसर पर जेलर मुकेश प्रकाश, डिप्टी जेलर अजीत चंद, महेश सिंह तथा प्रभारी अभिषेक कुमार पाण्डेय सहित अन्य कर्मचारीगण मौजूद रहे।
Post a Comment
0 Comments